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गोवा का इसाई न्यायाधिकार: फ्रांसिसी डॉ. चार्ल्स डेलन का विचरण [Goa Ka Isai Nyayadhikaran: Francisi Dr. Charles Dellon Ka Vistrit Vivran]

Unknown Author
4.9/5 (30203 ratings)
Description:यह पुस्तक, 1961 में अनंत काकबा प्रियोलकर द्वारा लिखित "Goa Inquisition" के द्वितीय खंड का हिन्दी रूपांतर है। इसमें एक फ्रेंच युवा डॉक्टर डिलोन के अनिर्वचनीय कष्टों का वर्णन है जो उन्हें गोवा के ईसाई न्यायाधिकरण के धार्मिक जेलों में रहते हुए सहने पड़े। उन पर ईसा मसीह अथवा बाइबल की निंदा का अभियोग नहीं था वरन एक साधारण ईसाई सैंट एंथनी की निंदा का आरोप था। यह एक विडंबना है कि ईसाई न्यायाधिकरण विश्व में पवित्र न्यायाधिकरण के नाम से जाने जाते हैं। गोवा के ईसाई न्यायाधिरण में पवित्र जैसा कुछ भी नहीं था। फ्रेंच दार्शनिक वोल्टेयर के शब्दों में: "Goa is sadly famous for its inquisition, which is contrary to humanity as much as to commerce. The Portuguese monks deluded us into believing that the Indian populace was worshipping the Devil, while it is they who served him." क्या इन क्रूरताओं का उत्स ईसाई धर्म में था अथवा नहीं, यह शोध का विषय हो सकता है; परंतु यह कोई एकाकी ईसाई न्यायाधिकरण नहीं था वरन विभन्न देशों में फैले हुए अनेकों इस तरह के न्यायालयों में से एक था, जहां धार्मिक अपराधियों के प्रति इसी प्रकार की निर्ममता बरती जाती थी। इस संबंध में एक बार फिर वोल्टेयर के ही शब्दों में : "Christians had been the most barbarous warmongers and killers, attacking people for no other reason than difference of opinion." इस पुस्तक में एक फ्रेंच नागरिक ने न्यायाधिकरण में एक कैदी के रूप में रहते हुए अपने अनुभवों का सजीव चित्रण किया है। वास्तव में इस विवरण के बाद ही गोवा में पवित्र न्यायाधिकरण समाप्त करने की बातें उठने लगी थीं। इस पुस्तक के आखिरी कुछ पृष्ठों में एक ब्रिटिश अधिकारी क्लोडयस बुकानन द्वारा वर्ष 1808 में इस न्यायाधिकरण की यात्रा का भी वर्णन है जो डॉक्टर डिलोन के विवरण से मेल खाता है। पुस्तक के अंत में ईसाई प्रशासकों तथा धर्माधिकारियों द्वारा 1541 से 1567 के मध्य गोवा तथा निकटस्थ पुर्तगाली प्रभाव वाले क्षेत्रों में नष्ट किये गए मंदिरों की सूची है, जिनका संदर्भ यूरोपीय लेखकों की अपनी पुस्तकें हैं।We have made it easy for you to find a PDF Ebooks without any digging. And by having access to our ebooks online or by storing it on your computer, you have convenient answers with गोवा का इसाई न्यायाधिकार: फ्रांसिसी डॉ. चार्ल्स डेलन का विचरण [Goa Ka Isai Nyayadhikaran: Francisi Dr. Charles Dellon Ka Vistrit Vivran]. To get started finding गोवा का इसाई न्यायाधिकार: फ्रांसिसी डॉ. चार्ल्स डेलन का विचरण [Goa Ka Isai Nyayadhikaran: Francisi Dr. Charles Dellon Ka Vistrit Vivran], you are right to find our website which has a comprehensive collection of manuals listed.
Our library is the biggest of these that have literally hundreds of thousands of different products represented.
Pages
172
Format
PDF, EPUB & Kindle Edition
Publisher
Akshaya Prakashan
Release
2024
ISBN
8195453023

गोवा का इसाई न्यायाधिकार: फ्रांसिसी डॉ. चार्ल्स डेलन का विचरण [Goa Ka Isai Nyayadhikaran: Francisi Dr. Charles Dellon Ka Vistrit Vivran]

Unknown Author
4.4/5 (1290744 ratings)
Description: यह पुस्तक, 1961 में अनंत काकबा प्रियोलकर द्वारा लिखित "Goa Inquisition" के द्वितीय खंड का हिन्दी रूपांतर है। इसमें एक फ्रेंच युवा डॉक्टर डिलोन के अनिर्वचनीय कष्टों का वर्णन है जो उन्हें गोवा के ईसाई न्यायाधिकरण के धार्मिक जेलों में रहते हुए सहने पड़े। उन पर ईसा मसीह अथवा बाइबल की निंदा का अभियोग नहीं था वरन एक साधारण ईसाई सैंट एंथनी की निंदा का आरोप था। यह एक विडंबना है कि ईसाई न्यायाधिकरण विश्व में पवित्र न्यायाधिकरण के नाम से जाने जाते हैं। गोवा के ईसाई न्यायाधिरण में पवित्र जैसा कुछ भी नहीं था। फ्रेंच दार्शनिक वोल्टेयर के शब्दों में: "Goa is sadly famous for its inquisition, which is contrary to humanity as much as to commerce. The Portuguese monks deluded us into believing that the Indian populace was worshipping the Devil, while it is they who served him." क्या इन क्रूरताओं का उत्स ईसाई धर्म में था अथवा नहीं, यह शोध का विषय हो सकता है; परंतु यह कोई एकाकी ईसाई न्यायाधिकरण नहीं था वरन विभन्न देशों में फैले हुए अनेकों इस तरह के न्यायालयों में से एक था, जहां धार्मिक अपराधियों के प्रति इसी प्रकार की निर्ममता बरती जाती थी। इस संबंध में एक बार फिर वोल्टेयर के ही शब्दों में : "Christians had been the most barbarous warmongers and killers, attacking people for no other reason than difference of opinion." इस पुस्तक में एक फ्रेंच नागरिक ने न्यायाधिकरण में एक कैदी के रूप में रहते हुए अपने अनुभवों का सजीव चित्रण किया है। वास्तव में इस विवरण के बाद ही गोवा में पवित्र न्यायाधिकरण समाप्त करने की बातें उठने लगी थीं। इस पुस्तक के आखिरी कुछ पृष्ठों में एक ब्रिटिश अधिकारी क्लोडयस बुकानन द्वारा वर्ष 1808 में इस न्यायाधिकरण की यात्रा का भी वर्णन है जो डॉक्टर डिलोन के विवरण से मेल खाता है। पुस्तक के अंत में ईसाई प्रशासकों तथा धर्माधिकारियों द्वारा 1541 से 1567 के मध्य गोवा तथा निकटस्थ पुर्तगाली प्रभाव वाले क्षेत्रों में नष्ट किये गए मंदिरों की सूची है, जिनका संदर्भ यूरोपीय लेखकों की अपनी पुस्तकें हैं।We have made it easy for you to find a PDF Ebooks without any digging. And by having access to our ebooks online or by storing it on your computer, you have convenient answers with गोवा का इसाई न्यायाधिकार: फ्रांसिसी डॉ. चार्ल्स डेलन का विचरण [Goa Ka Isai Nyayadhikaran: Francisi Dr. Charles Dellon Ka Vistrit Vivran]. To get started finding गोवा का इसाई न्यायाधिकार: फ्रांसिसी डॉ. चार्ल्स डेलन का विचरण [Goa Ka Isai Nyayadhikaran: Francisi Dr. Charles Dellon Ka Vistrit Vivran], you are right to find our website which has a comprehensive collection of manuals listed.
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Pages
172
Format
PDF, EPUB & Kindle Edition
Publisher
Akshaya Prakashan
Release
2024
ISBN
8195453023
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